बैंगन का इतिहास

बैंगन मजबूत, खुरदरे तनों और शाखित तनों वाला एक वार्षिक पौधा है।

पौधे में व्यापक, लम्बी पत्तियां और एक धूसर रंग होता है, और पत्तियों में कभी-कभी कांटे होते हैं।

बैंगन के फूल आलू के फूल के समान होते हैं, लेकिन रंग में बड़े और हल्के बैंगनी।

बैंगन के प्रकार:

फूलों की व्यवस्था में सजावट के लिए कई बैंगन उगाए जाते हैं, जैसे: अंडे का सफेद बैंगन, लाल गोला, लेकिन भोजन तैयार करने के लिए जो कुछ उगाया जाता है, उसमें 7 प्रकार शामिल हैं।

यह पौधा, जिसे अरबी में बैंगन कहा जाता है, एक वार्षिक पौधा है जो अपेक्षाकृत मोटे तने वाला होता है और बालों से ढंका होता है। इसके तने की ऊंचाई 70 सेमी तक होती है।

इसकी पत्तियां एक संकीर्ण टिप के साथ अंडाकार होती हैं और इसके फूल बैंगनी होते हैं। इस पौधे का फल लंबा और पतला या गोल, बैंगनी, काला, पीला और सफेद होता है।

बैंगन आलू परिवार से संबंधित है। इसकी खेती भारत में प्राचीन काल से की जाती रही है और वहां से यह दुनिया के अन्य हिस्सों में फैल गया है।

चीन ने नौवीं शताब्दी के एएच में इसकी खेती शुरू की। अंग्रेजी व्यापारियों ने 17 वीं शताब्दी में गिनी और इंग्लैंड से इस संयंत्र को लाया और इसे गिनी स्क्वैश कहा।

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